Shiva Chalisa Hindi Mai | श्री शिव चालीसा पूरा अर्थ


Shiva Chalisa Hindi Mai – शिव एक प्रमुख हिंदू देवता हैं और त्रिमूर्ति के विनाशक या ट्रांसफार्मर हैं। आमतौर पर शिव को शिवलिंग के अमूर्त रूप में पूजा जाता है। छवियों में, वह आमतौर पर गहरे ध्यान में या तांडव नृत्य करते हैं। हिंदू त्रिमूर्ति के तीसरे देवता भगवान महेश या शिव विनाशक हैं। वह गर्म रक्त वाले देवता का प्रतिनिधित्व करता है। उनकी विशेषताएं राक्षसी गतिविधि और मानव स्वभाव की शांति पर विजय का प्रतिनिधित्व करती हैं।

Shiva Chalisa Hindi Mai


॥दोहा॥

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥


॥चौपाई॥


जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥

मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥

दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥

मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥

धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥

नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥


॥दोहा॥


नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा। तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान। अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥


शिव चालीसा का पूरा अर्थ

शिव चालीसा एक प्रसिद्ध हिन्दू धार्मिक ग्रंथ है जो भगवान शिव की महिमा और उनकी कृपा का वर्णन करता है। यह चालीसा 40 श्लोकों (चौपाई) में लिखी गई है और इसका पाठ श्रद्धालु भक्तों द्वारा नियमित रूप से किया जाता है। यहाँ हम इस चालीसा के महत्व और श्लोकों का विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं।


श्लोक (Verse)हिंदी अनुवाद (Hindi Translation)
Jai Ganesh Girija Suvan Mangal Mul Sujan Kahat Ayodhya Das Tum Dev Abhaya Varadanजय गणेश गिरिजा सुवन, मंगलमय मूल, सुज्ञान
Jai Girija Pati Dinadayala Sada Karat Santan Pratipala Bhala Chandrama Sohat Nike Kanan Kundal Nagaphani Keजय गिरिजा पति दिनदयाल, सदा संतानों का पालन करने वाले
Anga Gaur Shira Ganga Bahaye Mundamala Tan Chhara Lagaye Vastra Khala Baghambar Sohain Chhavi Ko Dekha Naga Muni Mohainआपके शरीर से गौरी, गंगा बहती है, आपका मुण्डमाला और तन पर छारा हैं
Maina Matu Ki Havai Dulari Vama Anga Sohat Chhavi Nyari Kara Trishul Sohat Chhavi Bhari Karat Sada Shatrun Chhayakariमैना मातु की प्यारी बेटी आपके बाएं तरफ चार्म करती हैं
Nandi Ganesh Sohain Tahan Kaise Sagar Madhya Kamal Hain Jaise Kartik Shyam Aur Ganara-U Ya Chhavi Ko Kahi Jata Na Kauoनंदी और श्री गणेश सहित भगवान शिव जल के मध्य के कमल के समान हैं
Devan Jabahi Jaya Pukara Tabahi Dukha Prabhu Apa Nivara Kiya Upadrav Tarak Bhari Devan Sab Mili Tumahi Juhariहे प्रभु! जब देवताओं ने आपकी आश्रय में शरण ली, तब आपने उनकी समस्याओं को हल किया
Turata Shadanana Apa Pathayau Lava-Ni-Mesh Mahan Mari Girayau Apa Jalandhara Asura Sanhara Suyash Tumhara Vidit Sansaraहे शदानन! आपने तुरंत ही लव और निमेष को मार गिराया
Tripurasur Sana Yudha Machayi Sabhi Kripakar Lina Bachayi Kiya Tapahin Bhagiratha Bhari Purva Pratigya Tasu Purariहे पुरारी, आपने त्रिपुरासुरों को हराकर सभी को बचा लिया
Danin Mahan Tum Sama Kou Nahin Sevak Astuti Karat Sadahin Veda Nam Mahima Tab Gayaee Akatha Anandi Bhed Nahin Payeeहे दानी, आपके समान कोई नहीं हैं
Pragate Udadhi Mantan Men Jvala Jarat Sura-Sur Bhaye Vihala Kinha Daya Tahan Kari Sahayee Nilakantha Tab Nam Kahayeeहे भगवान, समुद्र मंथन में उत्पन्न होने वाले हानिकारक विष को आपने पी लिया
Pujan Ramchandra Jab Kinha Jiti Ke Lanka Vibhishan Dinhi Sahas Kamal Men Ho Rahe Dhari Kinha Pariksha Tabahin Purariजब रामचंद्र ने आपकी पूजा की, तब वह लंका के रावण को हराया
Ek Kamal Prabhu Rakheu Joi Kushal-Nain Pujan Chaha Soi Kathin Bhakti Dekhi Prabhu Shankar Bhaye Prasanna Diye-Ichchhit Varहे प्रभु, आपने श्री राम को अपने कमल के समान नेत्र रखे
Jai Jai Jai Anant Avinashi Karat Kripa Sabake Ghat Vasi Dushta Sakal Nit Mohin Satavai Bhramat Rahe Mohin Chain Na Avaiजय अनंत, अविनाशी, आप हर किसी को अपनी कृपा देते हैं
Trahi-Trahi Main Nath Pukaro Yahi Avasar Mohi Ana Ubaro Lai Trishul Shatrun Ko Maro Sankat Se Mohin Ana Ubaroहे नाथ, मैं तुम्हें ध्यान में पुकारता हूँ, मुझे इसी समय उधार लो
Mata Pita Bhrata Sab Hoi Sankat Men Puchhat Nahin Koi Svami Ek Hai Asha Tumhari Ava Harahu Aba Sankat Bhariमाँ, पिता, भाई-बहन सब हैं, पर कोई भी कष्ट में मेरी सहायता नहीं कर सकता
Dhan Nirdhan Ko Deta Sadahin Jo Koi Janche So Phal Pahin Astuti Kehi Vidhi Karai Tumhari Kshamahu Nath Aba Chuka Hamariधन और निर्धन को आप हमेशा देते हैं, जो कोई भी गिनती करे, उसको फल मिलता है
Shankar Ho Sankat Ke Nishan Vighna Vinashan Mangal Karan Yogi Yati Muni Dhyan Lagavan Sharad Narad Shisha Navavainहे शंकर, तुम संकट के निशान हो, विघ्नों को नष्ट करने वाले, मंगल कारण
Namo Namo Jai Namah Shivaya Sura Brahmadik Par Na Paya Jo Yah Patha Karai Man Lai Tapar Hota Hai Shambhu Sahayeeनमो नमो, जय नमः शिवाय
Riniyan Jo Koi Ho Adhikari Patha Karai So Pavan Hari Putra-hin Ichchha Kar Koi Nischaya Shiva Prasad Tehin Hoiजो कोई ऋणी हो, वह इसे पढ़े, वह पवित्र होता है
Pandit Trayodashi Ko Lavai Dhyan-Purvak Homa Karavai Trayodashi Vrat Kare Hamesha Tan Nahin Take Rahe Kaleshaपंडित को त्रयोदशी को बुलाएं, ध्यानपूर्वक होम कराएं, हमेशा त्रयोदशी का व्रत करें
Dhupa Dipa Naivedya Charhavai Anta Vasa Shivapur Men Pavai Kahai Ayodhya Asha Tumhari Jani Sakal Dukha Harahu Hamariधूप, दीप, नैवेद्य चढ़ाएं, अंत में शिवपुर में पहुंचें
Nitya Nema kari Pratahi Patha karau Chalis Tum Meri Man Kamana Purna Karahu Jagadishनित्य नेमा करता हूँ प्रातः, चालीसा पढ़ता हूं
Om Shivaya Namaaॐ शिवाय नमः
Om Shivaya Namaaॐ शिवाय नमः
शिव चालीसा का पूरा अर्थ

Shiva Chalisa Hindi Maiशिव चालीसा भगवान शिव के लिए एक प्रार्थना है – हिंदू त्रिमूर्ति के देवताओं में से एक, अन्य दो ब्रह्मा और विष्णु हैं। शिव चालीसा भगवान की स्तुति करते हैं और भक्तों के जीवन में कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने में उनकी मदद करते हैं। कहा जाता है कि भगवान शिव का आशीर्वाद पाने वाले भक्तों को भक्ति और ईमानदारी के साथ शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए। यह सुझाव दिया जाता है कि भक्तों को भगवान शिव या उनकी छवि पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए और फिर शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए।
यहां, बेहतर समझ के लिए अंग्रेजी अनुवाद के साथ भगवान शिव चालीसा प्रस्तुत किया जाता है।

शिव चालीसा भगवान शिव की महिमा, कृपा, और शक्ति का वर्णन करती है। यह चालीसा उनके भक्तों को उनकी सार्वभौमिक शक्ति के प्रति आदर्श और विश्वास की शिक्षा देती है। इसका नियमित पाठ करने से भक्त को मानवीय और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है। इसे समझने और पाठ करने से भक्त अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति कर सकते हैं।


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