Diwali kab hai 2022
Diwali kab hai – 2022 में, दीपावली 24 अक्टूबर को है। दीपावली, दिवाली या दीवाली शरद ऋतु (उत्तरी गोलार्द्ध) में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन हिन्दू त्यौहार है। दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है जो ग्रेगोरी कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर या नवंबर महीने में पड़ता है। दीपावली भारत के सबसे बड़े और सर्वाधिक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। दीपावली दीपों का त्योहार है। आध्यात्मिक रूप से यह ‘अन्धकार पर प्रकाश की विजय’ को दर्शाता है।
आइए देखते हैं शुभ मुहूर्त और तारीख
दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त (Diwali 2022 Laxami Puja Subh Muhurat)
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त | 18:10:29 से 20:06:20 तक |
अवधि | 1 घंटे 55 मिनट |
प्रदोष काल | 17:34:09 से 20:10:27 तक |
वृषभ काल | 18:10:29 से 20:06:20 तक |
अमावस्या तिथि प्रारम्भ | 24/10/2022 को 06:03 बजे |
अमावस्या तिथि समाप्त | 24/10/2022 को 02:44 बजे |
दिवाली पर निशिता काल मुहूर्त
निशिता काल – 23:39 से 00:31, 24 अक्टूबर
सिंह लग्न -00:39 से 02:56, 24 अक्टूबर
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त स्थिर लग्न के बिना
अमावस्या तिथि प्रारम्भ – 24 अक्टूबर को 06:03 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त – 24 अक्टूबर 2022 को 02:44 बजे
दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त
प्रातःकाल मुहूर्त्त (शुभ):06:34:53 से 07:57:17 तक
प्रातःकाल मुहूर्त्त (चल, लाभ, अमृत):10:42:06 से 14:49:20 तक
सायंकाल मुहूर्त्त (शुभ, अमृत, चल):16:11:45 से 20:49:31 तक
रात्रि मुहूर्त्त (लाभ):24:04:53 से 25:42:34 तक
Diwali kab hai : भारतवर्ष में मनाए जाने वाले सभी त्यौहारों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्हात् (हे भगवान!) मुझे अन्धकार से प्रकाश की ओर ले जाइए। यह उपनिषदों की आज्ञा है। इसे सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं तथा सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है।
माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा राम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे। अयोध्यावासियों का हृदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित हो उठा था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए। कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं। भारतीयों का विश्वास है कि सत्य की सदा जीत होती है झूठ का नाश होता है।
दीवाली यही चरितार्थ करती है- असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय। दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। कई सप्ताह पूर्व ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ हो जाती हैं। लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं। घरों में मरम्मत, रंग-रोगन, सफेदी आदि का कार्य होने लगता है। लोग दुकानों को भी साफ-सुथरा कर सजाते हैं। बाजारों में गलियों को भी सुनहरी झंडियों से सजाया जाता है। दीपावली से पहले ही घर-मोहल्ले, बाजार सब साफ-सुथरे व सजे-धजे नज़र आते हैं।
साल 2021 कुछ ही दिनों में खत्म होने वाला है और नया साल 2022 आने वाला है. हर साल की तरह ही साल 2022 में नए पर्व,व्रत और त्योहार आएंगे. साल 2022 की शुरुआत मकर संक्रांति से होगी. ऐसे में लोग भी जानने के इच्छुक होते हैं कि नए साल में कौन से त्योहार किस दिन आएंगे. ऐसे में आज हम आपको दिवाली के बारे में बताने जा रहे है. दीवाली: जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, रोशनी का हिंदू त्योहार है जो हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है. यह हिंदू महीने कार्तिका की अमावस्या की रात (अमावस्या) को मनाया जाता है. इस दिन दीपावली पूजा या लक्ष्मी गणेश पूजन के रूप में जानी जाने वाली पूजा में देवी लक्ष्मी और भगवान गणेशजी की पूजा की जाती है. साल 2020 में दिवाली 14 नवंबर को मनाई गई थी. ऐसे में आइए जानते हैं कि साल 2021 में दिवाली (diwali 2021) कब मनाई जाएगी.
2022 और 2023 में दीवाली कब है ?
- 2022 में, 24 अक्टूबर 2022 को दिवाली है।
- Sunday, 12 November 2023 को दिवाली है।
दीपावली की तारीखें | Diwali 2022 Date
दीपावली कब है – दिवाली का त्यौहार वास्तव में पाँच दिनों तक चलता है, जिसके मुख्य आयोजन भारत में अधिकांश स्थानों पर तीसरे दिन होते हैं। यह भगवान राम के वनवास के बाद अयोध्या में अपने राज्य में लौटने और दशहरा पर राक्षस राजा रावण से अपनी पत्नी को बचाने के साथ जुड़ा हुआ है। हालांकि, दक्षिण भारत में, त्योहार को नरकासुर की हार के रूप में मनाया जाता है।
यह एक दिवसीय उत्सव है, जिसे दीपावली के रूप में जाना जाता है, जो आमतौर पर मुख्य दिवाली तिथि से एक दिन पहले पड़ता है लेकिन कभी-कभी उसी दिन (जब चंद्र दिन ओवरलैप होता है) होता है। त्योहार केरल में नहीं मनाया जाता है। सौभाग्य और समृद्धि की देवी, देवी लक्ष्मी, दीवाली के दौरान पूजा की जाने वाली प्राथमिक देवता है। प्रत्येक दिन का एक विशेष महत्व इस प्रकार है।
Year | Weekday | Date | Name | Holiday Type |
---|---|---|---|---|
2016 | Sun | 30 Oct | Diwali/Deepavali | Gazetted Holiday |
2017 | Thu | 19 Oct | Diwali/Deepavali | Gazetted Holiday |
2018 | Wed | 7 Nov | Diwali/Deepavali | Gazetted Holiday |
2019 | Sun | 27 Oct | Diwali/Deepavali | Gazetted Holiday |
2020 | Sat | 14 Nov | Diwali/Deepavali | Gazetted Holiday |
2021 | Thu | 4 Nov | Diwali/Deepavali | Gazetted Holiday |
2022 | Mon | 24 Oct | Diwali/Deepavali | Gazetted Holiday |
2023 | Sun | 12 Nov | Diwali/Deepavali | Gazetted Holiday |
2024 | Fri | 1 Nov | Diwali/Deepavali | Gazetted Holiday |
2025 | Mon | 20 Oct | Diwali/Deepavali | Gazetted Holiday |
2026 | Sun | 8 Nov | Diwali/Deepavali | Gazetted Holiday |
दीवाली की प्रार्थनाएं
प्रार्थनाएं
क्षेत्र अनुसार प्रार्थनाएं अगला-अलग होती हैं। उदाहरण के लिए बृहदारण्यक उपनिषद की ये प्रार्थना जिसमें प्रकाश उत्सव चित्रित है:
असतो मा सद्गमय।
तमसो मा ज्योतिर्गमय।
मृत्योर्मा अमृतं गमय।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
अनुवाद:
असत्य से सत्य की ओर।
अंधकार से प्रकाश की ओर।
मृत्यु से अमरता की ओर।(हमें ले जाओ)
ॐ शांति शांति शांति।।
- Diwali kab hai 2022?
2022 में, दीपावली 24 अक्टूब
- दिवाली 2022 पर लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त क्या है
24 अक्टूबर 2022
सायं 07:16 PM से 08:23 PM तक - दिवाली कब है 2022 में जानकारी?
दिवाली का त्यौहार प्रत्येक वर्ष कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाया जाता है. इस साल यानी की 2022 में दिवाली का त्यौहार 24 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा
दिवाली के बारे में अधिक जानकारी
Diwali 2022 दीवाली त्योहार का अर्थ और इसमें यह कैसे मनाया जाता है, इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करे