Diwali kab hai: जानिए 2025 में दिवाली की सटीक तारीख और महत्व

दीपों का पर्व दिवाली न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में धूमधाम से मनाया जाता है। हर वर्ष लोग बेसब्री से पूछते हैं – Diwali kab hai? 2025 में यह त्योहार और भी खास होगा क्योंकि यह सप्ताहांत में पड़ रहा है, जिससे उत्सव का रंग और गाढ़ा हो जाएगा।

दिवाली का महत्व और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

दिवाली का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है। यह मुख्य रूप से भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। लोगों ने उनके स्वागत के लिए दीप जलाए थे – तभी से यह परंपरा शुरू हुई।

इसके अलावा, यह त्योहार मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, कुबेर और सरस्वती की पूजा के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। यह अंधकार से प्रकाश की ओर, अज्ञानता से ज्ञान की ओर, और नकारात्मकता से सकारात्मकता की ओर बढ़ने का प्रतीक है।

2025 में Diwali kab hai?

Diwali kab hai 2025
2025 में दिवाली की सटीक तारीख

2025 में दिवाली अमावस्या तिथि पर मनाई जाएगी, जो 26 अक्टूबर 2025 (रविवार) को है। इस दिन लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व है।

दिवाली 2025 की पंचांग विवरण

तत्वविवरण
तिथि26 अक्टूबर 2025
दिनरविवार
अमावस्या प्रारंभ25 अक्टूबर शाम 06:15 बजे
अमावस्या समाप्त26 अक्टूबर रात 08:10 बजे
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त26 अक्टूबर को शाम 06:25 से रात 08:10 तक

लक्ष्मी पूजा के लिए यही मुहूर्त सबसे शुभ माना जाता है। इस समय घर की महिलाएं और पुरुष मां लक्ष्मी की आराधना करते हैं ताकि पूरे वर्ष सुख-समृद्धि बनी रहे।

भारत के विभिन्न राज्यों में दिवाली की तिथि और परंपराएं

भारत एक विविधता से भरा देश है, और इसी तरह दिवाली को मनाने की विधियाँ भी अलग-अलग होती हैं:

  • उत्तर भारत: रामलीला और लक्ष्मी पूजन की परंपरा
  • पश्चिम भारत (गुजरात, महाराष्ट्र): नए साल की शुरुआत
  • दक्षिण भारत: नरकासुर वध की याद में
  • पूर्वोत्तर भारत: माँ काली की पूजा

हर राज्य में स्थानीय परंपराएं इस त्योहार को अनोखा रंग देती हैं।

दिवाली का पांच दिवसीय उत्सव

दिवाली केवल एक दिन का त्योहार नहीं है, बल्कि यह पाँच दिनों का उत्सव होता है, जिनमें हर दिन का अपना अलग महत्व होता है।

पहला दिन – धनतेरस

धनतेरस को धन और तेरस शब्दों से मिलाकर कहा जाता है, जिसका अर्थ है धन का तेरहवां दिन। यह कार्तिक मास की त्रयोदशी को आता है और इस दिन:

  • लोग सोना, चांदी, बर्तन या गाड़ी खरीदते हैं।
  • आयुर्वेदाचार्य धन्वंतरि देव की पूजा की जाती है।
  • यह दिन शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

दूसरा दिन – नरक चतुर्दशी / छोटी दिवाली

इस दिन को नरक चतुर्दशी या काली चौदस भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था।

  • लोग सूर्योदय से पहले उबटन करते हैं।
  • घरों की सफाई पूरी हो जाती है।
  • दीप जलाकर बुराई पर अच्छाई की विजय का जश्न मनाया जाता है।

तीसरा दिन – मुख्य दिवाली (लक्ष्मी पूजा)

यह सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। 2025 में यह 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

  • शाम को घर के मुख्य द्वार, खिड़कियों और आंगन में दीपक जलाए जाते हैं।
  • मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, और धन-कुबेर की पूजा विधिपूर्वक की जाती है।
  • घर के प्रत्येक कोने को दीयों की रोशनी से प्रकाशित किया जाता है।
  • मिठाइयों और पटाखों का आनंद लिया जाता है।

चौथा दिन – गोवर्धन पूजा

दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। यह दिन खासकर उत्तर भारत में अधिक लोकप्रिय है।

  • लोग गोवर्धन पर्वत की कथा पढ़ते हैं।
  • घर में गोबर से गोवर्धन बनाकर उसकी पूजा करते हैं।
  • अन्नकूट भोज का आयोजन होता है।

पांचवां दिन – भाई दूज

यह दिन भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित होता है। रक्षाबंधन की तरह यह भी एक पवित्र बंधन का पर्व है।

  • बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
  • भाई उन्हें उपहार देते हैं और उनकी रक्षा का वादा करते हैं।

दिवाली पर क्या करें और क्या न करें

करें (Dos)न करें (Don’ts)
घर की साफ-सफाई करेंगंदगी या अव्यवस्था न रखें
मिट्टी के दीपक जलाएंधुएं वाले पटाखे से बचें
पर्यावरण के अनुकूल सजावट करेंप्लास्टिक की सजावट से बचें
मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करेंपूजा के समय मोबाइल का प्रयोग न करें
जरूरतमंदों को दान देंशोरगुल और ऊँची आवाज से परहेज़ करें

दिवाली 2025 की तैयारी कैसे करें?

घर की सजावट और दीप जलाना

  • रंगोली बनाएं – फूलों, चावल या रंगों से
  • दीवारों पर LED लाइट्स और तोरण लगाएं
  • घर के दरवाज़े पर शुभ-लाभ और स्वास्तिक चिन्ह बनाएं

दिवाली के लिए उपहार और मिठाइयाँ

  • सूखे मेवे, चॉकलेट गिफ्ट बॉक्स
  • हस्तनिर्मित दीपक और मोमबत्तियाँ
  • घर की बनी मिठाइयाँ जैसे गुजिया, लड्डू, बर्फी

पर्यावरण के अनुकूल दिवाली कैसे मनाएं?

  • मिट्टी के दीपक और LED लाइट्स का प्रयोग करें
  • ज़्यादा ध्वनि वाले पटाखों से बचें
  • बच्चों को प्राकृतिक रंगों से रंगोली बनाना सिखाएं
  • E-Greetings का उपयोग करें, कागज की बर्बादी से बचें

इससे न केवल पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, बल्कि अगली पीढ़ी को भी एक जिम्मेदार उदाहरण मिलेगा।


दिवाली और ज्योतिषीय मान्यताएं

  • दिवाली के दिन राशि अनुसार विशेष उपाय करने से वर्ष भर लाभ होता है।
  • यह दिन तंत्र साधना और धन प्राप्ति के लिए विशेष शुभ माना जाता है।
  • मेष से मीन तक सभी राशियों को अपने-अपने अनुसार लक्ष्मी पूजन करना चाहिए।

Diwali kab hai से जुड़ी सामान्य पूछे जाने वाली बातें (FAQs)

1. Diwali kab hai 2025 में?

26 अक्टूबर 2025 (रविवार) को दिवाली मनाई जाएगी।

2. दिवाली कितने दिन का त्योहार होता है?

दिवाली का त्योहार कुल पाँच दिन तक चलता है: धनतेरस से भाई दूज तक।

3. दिवाली की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

26 अक्टूबर को शाम 06:25 बजे से रात 08:10 बजे तक लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त रहेगा।

4. दिवाली के दिन कौन-कौन से देवता की पूजा की जाती है?

मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, कुबेर, और सरस्वती की पूजा की जाती है।

5. क्या दिवाली पर पटाखे जलाना आवश्यक है?

नहीं, यह वैकल्पिक है। आप बिना पटाखों के भी दिवाली मना सकते हैं – यह पर्यावरण के लिए बेहतर होता है।

6. दिवाली पर उपहार में क्या देना अच्छा होता है?

मिठाइयाँ, सूखे मेवे, सजावटी दीपक, और घरेलू उपयोगी वस्तुएँ उपहार के लिए उपयुक्त हैं।


Diwali kab hai और इसका व्यापक महत्व

दिवाली केवल एक त्योहार नहीं है, यह संस्कारों, परंपराओं और भावनाओं का संगम है। यह जीवन में प्रकाश, आनंद और समृद्धि लाता है। 2025 की दिवाली रविवार को पड़ रही है, जो इसे और भी खास बना देती है। सही तिथि, पूजा विधि और तैयारी के साथ आप भी अपने परिवार के साथ एक सार्थक और सुंदर दिवाली मना सकते हैं।

बाहरी स्रोत:
हिंदू पंचांग और दिवाली तिथि स्रोत

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